भ्रमर गीत
मेरी परिकल्पनाओं की परिधि
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मंगलवार, 5 मार्च 2019
मुक्तक
खूबसूरत गौहर ज्यों सीप के अंदर रहता है।
एक मासूम सा इंसान मेरे भी अंदर रहता है।
कभी कवि,कभी कलाकार,कभी अभियंता-
ये छह फुट
का शरीर सृजन का घर लगता है
।।
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