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शनिवार, 28 मई 2016

दादू लड़ें सरपंची हमार

आसउं दादू लड़ें सरपंची हमार। 

बड़े शौखि से परचा भरिगा, 
फोटो सोटो खीचिन।
गांउं मेड़उरे चलें परचारी, 
बलभर खरभोटनी खीचिन।

फेरि नहबामां पानी भरिके, 
गांउं के सगलउ कहांर।
आसउं दादू लड़ें.............. 

अठमां पास त रहें बिचारु, 
अउर कुच्छु न जानां।
जइसन जेइ कहं बड़कउने, 
ओहिन क निकहा मानां।

ओनके सरपंची चउचक होइगें, 
गांउं के सगलउ कलार।
आसउं दादू लड़ें.............. 

बड़कउंने जउन रहें परचारी, 
दोहरी चाल चलामां।
खां पियं सब दादू के हमरे, 
औउरन के जुगाड़ करामां।

पता चली जब चाल, 
ददूबा फोरिसि गोड़ कपार।
आसउं दादू लड़ें सरपंची हमार..

                 
                   

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