कुल पेज दृश्य

बुधवार, 3 फ़रवरी 2016

क्यों है/अमरेश गौतम'अयुज'

आज वो मुझसे इतना खफा क्यों है,
है नफरत तो आँखों में बफा क्यों है।

अब तो उनके कूँचे में आना-जाना भी नहीं,
दिल में फिर भी मोहब्बत जवाँ क्यों है।

इक अरसा हुआ हालात को बदले हुए,
मसर्रत वही दिल में फिर भी बता क्यों है।

जुदाई का बहाना कोई शरारत तो नहीं ,
कुर्बत की पहले सी अब भी अदा क्यों है।

कोई टिप्पणी नहीं: