भ्रमर गीत
मेरी परिकल्पनाओं की परिधि
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बुधवार, 27 जनवरी 2016
मुक्तक
मेरे सूत्र उसी वक्त बेकार हो गये,
जब चापलूस ही उनके राज़दार हो गये।
मेरे तमाम रसूक तमाशाई रह गये,
काफिर उनके दोस्त अब खुद्दार हो गये।
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