बहुत बँट चुका खंडों में,
अब और नहीं बँटनें देंगे।
जब-जब मुश्किल हुई कलम ने,
काम किया हथियारों का।
शब्द बने शोले,बम गोले,
हिम्मत पस्त किया हत्यारों का।
किसी की गंदी हरकत पर,
नर्मी न. दिखाई जाएगी।
हर हालत में दुश्मन की,
औकात बताई जाएगी।
अपने देश के अंगों को
अब और नहीं कटने देंगे।
इस देश की आजादी में,
वीरों ने लहू बहाया है।
आज हमारे भी दिल में,
जज्बा वही समाया है।
बतकही किसी की नहीं चलेगी,
अब नंगी शमशीर में,
हर हाँथों में शोले होंगे,
लद्दाख और कश्मीर में।
भारतमाता की इज्जत को,
हर हाल में न. घटने देंगे।
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