भ्रमर गीत
मेरी परिकल्पनाओं की परिधि
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सोमवार, 7 मार्च 2016
विश्व महिला दिवस के अवसर पर
तुम ही हो श्रृगार धरा का,
तुमसे है भूमि पावन।
जगत जननी अयुज तुम्ही हो,
करुं तुम्हें सौ बार नमन।
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